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Tuesday 27 December 2011

जीत आखिर सच की होगी !

जीत आखिर सच की होगी !

दोस्तों जय आर सी एम्
 हम सब लोग आज किस दौर से गुजर रहे है शायद ये बताने की आवश्यकता नहीं है पर शायद इसमें भी कोई न कोई भगवान की योजना होगी.क्योंकि इन्सान सिर्फ अपना कर्म कर्म कर सकता है,और अगर हम सब ने अपना कर्म ईमानदारी से किया है तो हमारी जीत होगी,और ये जीत दुनिया में हमारे धैर्य परीक्षा की एक बहुत बड़ा उदाहरन होगी में ये समझता हूँ की इस समय हम ज्यादा कुछ तो नहीं कर सकते लेकिन अपने बिचारों से आप जैसे साथियों का होंसला बड़ा कर सकते है,क्योंकि दोस्तों आपने रामायण को पढ़ा होगा,उसमे श्री राम चन्द्र जी को राजा राम के रूप में भी
 देखा जा सकता था लेकिन उनको भगवान राम नहीं बोला जाता,क्योंकि उन्हें भगवान राम के रूप में आने के लिए 14 बरस का बनवास काटना पड़ा ! आज आर सी एम् में क्या चल रहा है,ये जानने की सबको उत्सुकता है,आप सब लोग ब्याकुल है कि कोई खबर कहीं से मिल जाय ! दोस्तों आप परेशान न हों,बहुत से सवाल कई साथियों के दिमाग में चल रहे होंगे,"कि क्या होगा,कब होगा,कैसे होगा" दोस्तों आज तक आपने धैर्य कि परीक्षा दी है जिस कारण आर सी एम् ने अपना वजूद स्थापित किया है !  
आर सी एम् सेवक धैर्य रखे ब्लॉग में आपने इसके बारे में जानकारी जरुर प्राप्त की होगी
इसलिए ....................." एक कविता के माध्यम से आपके बिश्वास को और मजबूत करना चाहता हूँ ! 

देखा है हमने भी जिन्दगी को करीब से,बात कुछ बनती नहीं सिर्फ नसीब से                                 
होते नहीं अरमान पुरे खोखले इरादों से,और चलती नहीं जिन्दगी मरे हुए वादों से !
कि मंजिल को पाना इतना आसान नहीं है,चलते हैं लोग मगर दिशा का ज्ञान नहीं है 
दोस्तों भरे पड़े है ऐसे लोग इस जहाँ में,जो साँस ले रहे हैं मगर दिशा का ज्ञान नहीं है !
गर करना है चमत्कार तो,चरित्र को सूर्य कि तरह चमकाना होगा 
और आती -जाती सांसों में,उत्साह का प्रबाह लाना होगा !
और परिस्तिथियाँ अनूकुल हो या न हों ,पर दृष्टी-कोण को मजबूत बनाना होगा !

दोस्तों आज बहुत से लोग आप को ताने भी देने कि कोशिश कर रहे होंगे !
तो उनके लिए में कुछ आपको बताना चाहता हूँ !
दोस्तों अभी आर सी एम् को कोई गलत साबित नहीं कर सकता,बस आप याद रखें !
ये आर सी एम् कि आवाज है जो आपको ये आवाहन कर रही है कि -----

मेरे हालात पर हसने वाले ये न सोच ले,कि मैं कमजोर हूँ !
ये तो बस वक़्त कि बात है,कि कभी दिन है तो कभी रात है-२ 
क्योंकि अभी सूरज का  निकलना बाकि है !
चिड़ियों का चहकना बाकि है,मुर्गे का बाँक देना बाकि है !
इस काली रात के पीछे उजाले कि किरन मुझे दिखाई दे रही है !
जो धीरे से मुस्कुराते हुए मुझसे कह रही है !
कि हिम्मत न हारना मैं आ रही हूँ,बस थोडा सा तुम्हे आजमा रही हूँ -२
याद रखना रास्ता कितना भी कठिन हो,पर सच्चाई का साथ न छोड़ना !
और तूफ़ान कितने भी आ जाएँ,पर आपने सिद्वान्तों को मत तोडना !
इसलिए मैं कहता हूँ कि मेरे हालात पर हंसने वाले ये न सोच लें कि मैं कमजोर हूँ !
ये तो बस वक़्त की बात है कि कभी दिन है तो कभी रात है !

इसलिए अभी अपने होंसले को बनाये रखे हर रात के बाद दिन जरूर आता है,
जीत आखिर सच की होगी !
इतिहास गवाह है कि साँच को आंच नहीं !
क्योंकि" मुदई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है,वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है"
और हम सब का विस्वास है की खुदा सब कुछ बेहतर करेगा !

जय आर सी एम् 
आर सी एम् सेवक 
RAMESH SHARMA ( STAR PEARL)

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